अमरनाथ की गुफायें और उनका रहस्य
amarnath caves |
अमरनाथ की गुफा
amarnath |
भगवान शिव जी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। जो भारत के जम्मू कश्मीर में स्थित है। हर बर्ष इस यात्रा का आयोजन किया जाता है। जिसमे श्रद्धालु भारत से ही नहीं बल्कि बिदेशो से भी भारी मात्रा में इस पवित्र और चमत्कारी अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए आते है। ये गुफा बहुत प्राचीन है। और अद्भुत रहस्यों से भरी पड़ी है। आज हम आपको अमरनाथ गुफा के बारे में कुछ ऐसे रहस्यों को बताएँगे जो हर मायने में अद्भुत और अकल्पनीय है।
गुफा का परिचय
amarnath gufa |
ये पवित्र गुफा श्रीनगर से उत्तरपूर्व में 135 कि.मी. दूर समुद्रतल से लगभग 13000 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। पवित्र गुफा के भीतरी गहराई 19 मीटर है। चौड़ाई 16 मीटर और ऊंचाई 11 मीटर है। धार्मिक व ऐतिहासिक दृष्टि से अमरनाथ गुफा के बारे में भक्तो का कहना है, की ये यात्रा ईश्वर की प्राप्ति का माध्यम है। कुछ लोग इसे मोक्छ की प्राप्ति का भी माध्यम कहते है। इस पावन गुफा में - बर्फीली बूंदो से बनने वाला प्राकृतिक हिम शिवलिंग एक ऐसा दैविक चमत्कार है, जिसे देखने के लिए हर कोई उत्सुक रहता है। इसे तीर्थो का तीर्थ भी कहा जाता है। यही पर भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। अमरनाथ गुफा में स्थित पार्वती जी 51 शक्तिपीठो में से एक है। यहां पर भगवती शक्ति का कंठ भाग्य गिरा था।
गुफा की खोज
amarnath ki gufaye |
बूटा मलिक नामक एक नेक ईमानदार और दयालु मुसलमान गडेरी के द्वारा हुई थी। वह एक दिन भेड को चराते चराते बहुत दूर निकल गया। एक जंगल में पहुंचकर उसकी एक साधु से भेंट हुई साधु ने बूटा मलिक को एक कोयले से भरी कांवडी देदी। घर पहुंच कर उसने कोयले की जगह सोना पाया और वह बहुत हैरान हुआ। उसी समय वह साधु को धन्यबाद करने वहा गया, और वह वहां पर साधु को ना पाया और उसने वहां पर एक विशाल गुफा को देखा उसदिन से यह स्थान एक तीर्थ बन गया। इस गुफा में शंकर जी ने पार्वती जी को अमरनाथ की कथा सुनाई थी। यहां पर एक कबूतर का जोड़ा रहता है। जिसे अमर पक्छी माना जाता है। और जिनको यह जोड़ा दिखाई देता है, तो यह माना जाता है, की उनको शिव जी और पार्वती जी के दर्शन हुए है।
गुफा का रहस्य
amarnath ki gufa ka rahasya |
एक बार नारद जी कैलाश पर्वत में शंकर जी के दर्शन के लिए पधारे शिव जी इस सयम बन बिहार को गए थे। और पार्वती जी वहा बिराजमान थी। पार्वती जी ने नारद जी से आने का कारण पूछा तो उन्होंने पार्वती जी से कहा हे देवी भगवान शिव के गले में मुंडमाला क्यों है। वही प्रश्न पार्वती जी ने शिव जी से पूछा तो शिव जी ने पार्वती जी से कहा देवी जितने बार तुम्हारा जन्म हुआ है, उतने ही मुंडमाला मैंने धारण किये है। पार्वती जी ने कहा मेरा शरीर नाशवान है मृत्यु को प्राप्त होता है, परन्तु आप तोतो अमर है। इसका कारण बताने का कस्ट करे। भगवान शंकर ने कहा ये सब अमर कथा के कारन है। पार्वती जी ने कथा सुनने की इक्छा जताई। तब शंकर जी ने उन्हें कथा सुनाने के लिए इस गुफा में पंचतत्व से विमुक्त होकर इस जगह पर जाकर पार्वती जी को कथा सुनाई। तभी से इस जगह को अमरनाथ के नाम से जाना गया।
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